मनरेगा योजना से सम्बंधित सम्पूर्ण जानकारी
NREGA Job Card रजिस्ट्रेशन, नरेगा जॉब कार्ड लिस्ट 2021: जैसा की हम सब जानते ही है भारत में अधिकांश जनसंख्या ग्रामीण क्षेत्रों में ही निवास करती है, ग्रामीण क्षेत्रों में ज्यादा रोजगार प्राप्त नहीं होता है, इसलिए ग्रामीण जनसख्यां रोजगार के लिए शहर की ओर पलायन कर रही है, केंद्र सरकार ने इस पलायन को रोकने के लिए लोगों को ग्रामीण क्षेत्र में ही रोजगार प्रदान करने का निर्णय लिया है | यह मनरेगा योजना के माध्यम से ही सम्भव हो पाया है | मनरेगा योजना क्या है इसके लाभ, कार्य, मजदूरी आदि विभिन्न पहलुओं के बारे में यहाँ विस्तार से आपको बता रहे है |
महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम (मनरेगा / MNREGA) भारत में लागू एक रोजगार गारंटी योजना है, जिसे 2 अक्टूबर 2005 को विधान सभा द्वारा चालू किया गया था । यह योजना हर साल किसी भी ग्रामीण परिवार के उन वयस्क सदस्यों को 100 दिन का रोजगार उपलब्ध कराती है जो प्रतिदिन 220 रुपये की सांविधिक न्यूनतम मजदूरी करने के लिए तैयार हैं। हालाकि ये रुपये समय के साथ बढ़ते रहते है 2010-11 वित्तीय वर्ष में इस योजना के लिए केंद्र सरकार का परिव्यय 40,100 करोड़ रुपए रहा था।
इस योजना को ग्रामीण लोगों की क्रय शक्ति को बढ़ाने के उद्देश्य से शुरू किया गया था, शुरू में इसे राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम (NREGA) कहा जाता था, लेकिन 2 अक्टूबर 2009 को इसका पुनः नामकरण किया गया।
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जानते है की मनरेगा योजना क्या है ?
यह केंद्र सरकार के द्वारा चलायी गयी प्रमुख योजना है, इस योजना का मुख्य उद्देश्य ग्रामीण क्षेत्रों में अहले वाले लोगो के ग्राम का विकास और ग्रामीण क्षेत्रों के लोगों को रोजगार प्रदान करना है, इस योजना के जरिये से ग्राम को शहर के अनुसार सुख और सुविधा प्रदान करना है, जिससे ग्राम के लोगो का पलायन रुक सके |
मनरेगा योजना की शुरुआत और नाम परिवर्तन कब हुआ
आपपको बतादें केंद्र सरकार ने इस योजना की शुरुआत 2 अक्टूबर 2005 को की थी, इसे राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारण्टी अधिनियम के अंतर्गत रखा गया था| 31 दिसंबर 2009 को इस योजना के नाम में परिवर्तन करके इसे “महात्मा गाँधी राष्ट्रीय रोजगार गारण्टी योजना” कर दिया गया |
मनरेगा का पूरा नाम क्या है ?
मनरेगा का पूरा नाम “महात्मा गाँधी राष्ट्रीय रोजगार गारण्टी योजना” है, इससे पूर्व इस योजना को “राष्ट्रीय रोजगार गारण्टी योजना” (एनआरईजीए) नरेगा के नाम से जाना जाता था |
मनरेगा योजना की प्रक्रीया
ग्रामीण परिवारों के वयस्क सदस्य, ग्राम पंचायत के पास एक फोटो के साथ अपना नाम, उम्र और पता जमा करते हैं। उसकी जांच के बाद पंचायत, घरों को पंजीकृत करता है और और यहाँ से एक जॉब कार्ड दिया जाता है। जॉब कार्ड में, पंजीकृत वयस्क सदस्य का ब्यौरा होता है और उसकी फोटो लगी होती है। एक पंजीकृत व्यक्ति, या तो पंचायत या कार्यक्रम अधिकारी को लिखित रूप से 14 दिन काम करने के लिए एक आवेदन प्रस्तुत कर सकता है। आवेदन दैनिक बेरोजगारी भत्ता आवेदक को भुगतान किया जाएगा।
आपको बतादें इस अधिनियम के तहत पुरुषों और महिलाओं के बीच किसी भी भेदभाव की अनुमति नहीं है। इसलिए, पुरुषों और महिलाओं को समान वेतन भुगतान किया जाना चाहिए। सभी वयस्क रोजगार के लिए आवेदन कर सकते हैं।
मनरेगा योजना के अन्दर आने वाले कार्य
इस योजना में आने वाले कार्य बहुत से है, जिसमे से प्रमुख कार्य इस प्रकार है |
- जल संरक्षण
- सूखे की रोकथाम के अंतर्गत वृक्षारोपण
- बाढ़ नियंत्रण
- भूमि विकास
- विभिन्न तरह के आवास निर्माण
- लघु सिंचाई
- बागवानी
- ग्रामीण सम्पर्क मार्ग निर्माण
मनरेगा योजना के लाभ
- मनरेगा योजना में ग्रामीण लोगों को अपने परिवेश में ही रोजगार प्राप्त हो जाता है, केंद्र सरकार ने इस योजना के अंतर्गत 100 कार्य दिवस के रोजगार की गारंटी दी है |
2.छत्तीसगढ़ राज्य में महात्मा मनरेगा योजना के अंतर्गत 100 कार्य दिवस को बढ़ा कर 150 कार्यदिवस की रोजगार गारंटी दी है | 50 कार्य दिवस के व्यय का वहन राज्य सरकार के द्वारा किया जायेगा |
3.इस योजना के अंतर्गत परिवार के वयस्क सदस्य के द्वारा आवेदन किया जाता है, आवेदन होने के 15 दिन के अंदर रोजगार प्रदान किया जाता है, यदि किसी कारणवश 15 दिन के अंदर रोजगार प्राप्त नहीं होता है, तो सरकार के द्वारा उसे बेरोजगारी भत्ता प्रदान किया जाता है, यह भत्ता पहले 30 दिन का एक चौथार्इ होता है, 30 दिन के बाद यह न्यूनतम मजदूरी दर का पचास प्रतिशत प्रदान किया जाता है |
4.इस योजना में मजदूरी का भुगतान बैंक, डाकघर के बचत खातों के माध्यम से किया जाता है, आवश्यकता पड़ने पर नगद भुगतान की व्यस्था विशेष अनुमति लेकर की जा सकती है |
मनरेगा में अब मजदूरी कितनी मिलती है ?
भारत के विभिन्न राज्यों में मनरेगा में इस प्रकार मजदूरी प्रदान की जाती है, हालाकि की ये समय के साथ बढती भी है |
राज्य | मजदूरी (रुपए प्रतिदिन) |
आंध्र प्रदेश | 205 |
अरुणाचल प्रदेश | 177 |
असम | 189 |
बिहार | 168 |
छत्तीसगढ़ | 174 |
गोवा | 254 |
गुजरात | 194 |
हरियाणा | 281 |
हिमाचल प्रदेश | 184 (गैर अनुसूचित क्षेत्र) |
हिमाचल प्रदेश | 230 (अनुसूचित क्षेत्र) |
जम्मू कश्मीर | 186 |
झारखण्ड | 168 |
कर्नाटक | 249 |
केरल | 271 |
महाराष्ट्र | 203 |
मणिपुर | 209 |
मेघालय | 181 |
मिजोरम | 194 |
नागालैंड | 177 |
ओडिशा | 182 |
पंजाब | 240 |
राजस्थान | 192 |
सिक्किम | 177 |
मध्य प्रदेश | 174 |
तमिलनाडु | 224 |
तेलंगाना | 205 |
त्रिपुरा | 177 |
उत्तर प्रदेश | 175 |
उत्तराखंड | 175 |
पश्चिमी बंगाल | 191 |
अंडमान और निकोबार | 250 (अंडमान जिला) |
अंडमान और निकोबार | 264 (निकोबार जिला) |
चंडीगढ़ | 273 |
दादरा और नागर हवेली | 220 |
दमन और दीव | 197 |
लक्ष्यद्वीप | 248 |
पंडूचेरी | 224 |
यहां पर हमने आपको मनरेगा योजना के बारे में विस्तार से बताया है, हालांकि यह जानकारियां न्यूज़पेपर और इंटरनेट से इकट्ठा की गई है पर आपको हमारे द्वारा लिखा गया जानकारी वर्धक यह आर्टिकल कैसा लगा कमेंट करके बताना आगे भी अगर आप इस तरह के आर्टिकल पढ़ना चाहते हैं| तो हमारी वेबसाइट को बुकमार्क करें और नोटिफिकेशन पाने के लिए सब्सक्राइब करें. धन्यवाद…
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