- औरतों के जीभ पर, पुरुषों से ज़्यादा स्वाद की कलियाँ होतीं हैं।
- इन्हें पुरुषों से ज़्यादा अपने खानपान को लेकर चिंता लगी रहती है।
- एक स्त्री की त्वचा, एक पुरुष के त्वचा से ज़्यादा संवेदनशील होती है।
- औरतों की सुनने की क्षमता, पुरुषों से ज़्यादा होती है। उन्हें पुरुषों से बेहतर सुनाई देता है।
- औरतें एक बार में ही दो-तीन काम को अच्छे से पूरा कर पातीं हैं। अक्सर पुरुषों में ऐसी क्षमता नहीं होती है।
- जब एक औरत गर्भावस्था में रहती है, तो उसे ज़्यादातर उन्हीं चीज़ों को खाने का मन करता है, जिन्हें खाया नहीं जा सकता।
- एक औरत किसी से भी मानसिकता और भावनाओं के आधार पर, आसानी से जुड़ जातीं हैं।
- औरतें, पुरुष से ज़्यादा रोतीं हैं।
- कुछ औरतें, दो गर्भाशय (uterus) के साथ जन्म लेतीं हैं।
- औरतों को ज़्यादा डरावने सपने आते हैं।
- लेकिन ये पुरुषों से ज़्यादा फ्लेक्सीबल हैं।
- कहा जाता है की एक बच्चे को जन्म देने के लिए सबसे श्रेष्ठ उम्र 26 की है। इससे शिशु की तबियत ठीक रहती है।
- लेकिन अन्य कुछ रिसर्च ये भी कहते हैं की बच्चे पैदा करने के लिए श्रेष्ठ उम्र, 32 है। इससे माँ की तबियत ठीक रहती है।
- औरतें हर रोज़ अपने शरीर को कई हानीकारक केमिकल्स के सामने रख देती है। इसलिए ज़रूरी है की हम सोच समझकर अपने श्रिंगार, या कोई भी अन्य उपकरण को अपनाएँ।
- औरतों की पाँचों इंद्रियाँ, पुरुषों से बेहतर होती है।
- औरतों के शरीर के कुछ अंग बहुत ही संवेदनशील होते हैं, खासकर की इनके निजी अंग।
- इनके शरीर के कुछ अंग, ऊपरी तौर से बहुत छोटे दिखते हैं, लेकिन असल में वो छोटे होते नहीं हैं। जैसे की – औरतों की भगशेफ (clitoris)।
- जैसे-जैसे इनकी उम्र बढ़ती है, वैसे-वैसे औरतों के निजी अंग के आकार भी बढ़ते हैं।
- कई औरतों को सही मायने में पता नहीं है कि उनके निजी अंग है कहाँ।
- जब एक लड़की 20 साल की होती है, तो उसके शरीर में बहुत सारे बदलाव आते हैं। ये उसके शरीर का विकास माना जाता है।
- एक औरत और पुरुष के मस्तिष्क में ज़्यादा फर्क नहीं होता है।
- औरतें अपने शरीर से कभी खुश नहीं रहतीं हैं। उन्हें अपना शरीर कभी पसंद नहीं आता है।
- एक औरत का दिल, एक पुरुष के दिल से ज़्यादा तेज़ धड़कता है।
- औरतों का दिल, पुरुषों के दिल से छोटा होता है।
- कहा जाता हए कि औरतें किसी भी काम को करने के लिए, अपने दोनों मस्तिष्क का इस्तेमाल करतीं हैं, लेकिन पुरुष सिर्फ एक।
महिलाओं से जुड़ी अन्य रोचक जानकारियाँ:
1. महिलाएं गहरा जुड़ाव महसूस करती हैं:
दिल लगा लेना वाक्य महिलाओं पर सटीक बैठता है। वे किसी भी रिश्ते में अधिक गहरा जुड़ाव महसूस करती हैं। उनके दिमाग में ऐसे हिस्से ज्यादा डेवलप होते हैं, जो अफेक्शन का अहसास कराते हैं। इसलिए महिलाएं किसी भी रिश्ते को अच्छे ढंग से निभाती हैं।
2. महिलाएं इसलिए ज्यादा बोलती हैं:
औरतों के दिमाग में स्पीच और वर्ड प्रोसेसिंग के लिए दो सेंटर होते हैं, जबकि मर्दों के दिमाग में ऐसा एक ही सेंटर होता है। इसी कारण महिलाएं तेजी से और साफ-साफ बोल सकती हैं। उनके पास नॉनवर्बल इशारे भी पुरुषों की तुलना में दुगने होते हैं। यानी वे बिना बोले भी बहुत कुछ कह सकती हैं।
3. महिलाएं कम फैट बर्न करती हैं:
महिलाओं के शरीर में भीतरी अंग छोटे होते हैं। यही कारण है कि अगर महिला और पुरुष दोनों बैठे हों, तो महिला का शरीर कम कैलोरी बर्न करेगा। मातृत्व की तैयारी के लिए उनके शरीर में फैट जमा करने की प्रवृत्ति भी होती है।
4. ऊंचे सुर ज्यादा अच्छी तरह सुनती हैं महिलाएं:
महिलाएं हायर फ्रिक्वेंसी की आवाज, यानी ऊंचे सुर ज्यादा साफ-साफ सुन सकती हैं। यह भी उन्हें बच्चे पालने में मदद करता है, क्योंकि बच्चों के रोने की आवाज हायर फ्रिक्वेंसी की होती है। इसलिए माताएं अपने बच्चे का रोना तुरंत पहचान जाती हैं और उसके पास पहुंच जाती हैं।
5. महिलाएं ज्यादा दर्द सहन कर सकती हैं:
महिलाओं में दर्द के रिसेप्टर अधिक होते हैं। इसका मतलब है कि उन्हें दर्द का अहसास जल्दी और ज्यादा होता है। इसके बावजूद वे ज्यादा दर्द सहन कर सकती हैं। यही वजह है कि महिलाएं सिरदर्द, बदन दर्द होते हुए भी काम करती रहती हैं।
6. नींद में भी एक्टिव रहता है दिमाग:
जागते रहने की तुलना में नींद में महिलाओं की दिमागी एक्टिविटीज सिर्फ 10 प्रतिशत ही कम होती हैं। इसका अर्थ है कि पुरुषों के मुकाबले महिलाओं का ब्रेन सोते समय भी काम करता रहता है। इस खासियत के चलते औरतें छोटे बच्चों की बेहतर देखभाल कर पाती हैं। आपने देखा होगा कि आधी रात को भी शिशु की हल्की-सी आवाज से मां की नींद तुरंत खुल जाती है।
7. उनका दिल तेजी से धड़कता है:
महिलाओं का दिल ज्यादा मजबूत माना जाता है। वह मर्दों के दिल के मुकाबले छोटा होता है। महिलाओं के दिल का एवरेज वजन 118 ग्राम होता है, जबकि पुरुषों के दिल का वजन इससे 60 ग्राम ज्यादा होता है। महिला का दिल पुरुष के मुकाबले ज्यादा तेजी से धड़कता है।
8. महिलाओं के बाल:
महिलाओं के बालों की मोटाई पुरुषों के बालों के मुकाबले आधी ही होती है। इसी वजह से महिलाओं के बाल रेशमी और मुलायम दिखाई देते हैं।
9. भावनात्मक रिश्ते:
यदि रिश्ते निभाने की बात करें महिलाएं इस मामले में पुरुषों की तुलना में ज्यादा वफादार होती हैं। अधिकांश महिलाएं अपने रिश्तों में भावनात्मक रूप से भाग लेती हैं और ज्यादातर रिश्तों में महिलाएं पुरुषों की तुलना में ज्यादा सही होती हैं। विज्ञान के अनुसार महिलाओं के शरीर में आॅक्सिटोशिन हार्मोन की मात्रा ज्यादा होती है जिसे लव होर्मन भी कहा जाता है।
10. तर्कशील:
पुरुषों के मुकाबले महिलाएं ज्यादा तर्कशील होती हैं। अधिकांश महिलाएं पुरुषों की तुलना में अधिक भावुक भी होती है। एक रिसर्च के अनुसार पुरुषों की तुलना में महिलाओं के मस्तिष्क में बहुत अधिक सेरिब्रल कोर्टेक्स होता है, जिससे उनका दिमाग पुरुषों से ज्यादा तेज और बुद्धिशाली होता है।
11. फ्लैक्सिबिलिटी:
यदि फ्लैक्सिबिलिटी की बात करें तो पुरुषों की तुलना में महिलाएं ज्यादा flexible होती हैं। महिलाओं के शरीर में पुरुषों से ज्यादा Elastin मौजूद होते हैं, जिससे शरीर ज्यादा फ्लैक्सिबल बनता है।
12. प्रेग्नेंसी:
सभी लोग जानते हैं कि प्रेग्नेंसी के दौरान महिलाओं को खट्टा खाने का मन करता है। लेकिन 30 प्रतिशत महिलाओं को Inedible चीजें जैसे कि चोक, मिट्टी, कोयला या साबुन जैसी चीजें खाने का मन होता है।
13. बातुनी:
महिलाएं पुरुषों के मुकाबले बहुत ज्यादा बातुनी होती हैं। एक रीसर्च के मुताबिक महिलाएं प्रतिदिन लगभग 20 हजार शब्द बोलती है जबकी पुरुष केवल 7 हजार शब्द ही बोलते हैं। दरअसल इंसान के शरीर में Foxp2 नाम का एक प्रोटीन पाया जाता है जिसे लेंग्वेज प्रोटीन भी कहा जाता है। यह प्रोटीन पुरुषों के मुकाबले महिलाओं में अधिक पाया जाता है जो उनको बोलने के लिए प्रेरित करता है।
14. महिलाएं ज्यादा क्यों बोलती हैं:
ये बात तो जग जाहिर है कि महिलाएं पुरुषों के मुकाबले बहुत ज्यादा बोलती हैं , कई रिसर्च के मुताबिक कोई भी महिला एक दिन में 20 हजार शब्द बोलती है , वहीँ पुरुष सिर्फ 7 हज़ार शब्द ही बोलते हैं |
विज्ञानं के अनुसार कसी भी इंसान के शरीर में foxp 2 नाम का एक प्रोटीन पाया जाता है , और यह प्रोटीन पुरुषों के मुकाबले औरतों में काफी ज्यादा मात्रा में मौजूद होता है , इस लिए महिलाएं अधिक बोलती हैं , इस प्रोटीन को language protein भी बोलते हैं |
15. प्रेगनेंसी में होने वाली इच्छाएं:
ये तो आपने सुना ही होगा कि किसी भी प्रेग्नेंट महिला को अलग अलग चीज़े खाने का मन करता है , जैसे कुछ खट्टा मीठा , पर जानते हैं , कि 30% महिलाओं को inedible चीज़े यानि चौक ,मिटटी , साबुन स्याही जैसी चीज़े खाने का मन करता है
प्रेगनेंसी के दौरान महिला के शरीर के साथ साथ उसके दिमाग पर भी असर होता है , और साथ ही हार्मोनल बदलाव के कारण उसका मन ऐसी चीज़े खाने का करता है |