मुख्यमंत्री कन्या विवाह अनुदान योजना 2020 में हुए कई बदलाव , जानिए योजना से जुड़ी सभी जानकारी और कैसे करें ऑनलाइन आवेदन
गरीब और पिछड़े वर्ग को ऊपर उठाने के लिए उत्तर प्रदेश सरकार कल्याणकारी योजनाएं समय-2 पर लागु करती रहती है. प्रदेश में महिलाओं, लड़कियों की स्थिति को बेहतर करने के लिए सरकार विवाह हेतु शादी अनुदान योजना लेकर आई थी। योजना के अंतर्गत परिवार को लड़की की शादी के आर्थिक मदद दी जाएगी। विवाह अनुदान योजना को अब मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना और पुत्री विवाह अनुदान योजना नाम से जाना जाता है। पुत्री विवाह अनुदान योजना में आवेदन का तरीका आपको इस आर्टिकल में पढ़ने को मिलेगा। कन्या शादी अनुदान योजना में आवेदन की स्थिति, लिस्ट को भी आप यहाँ देख सकते है।
नाम मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना उत्तर प्रदेश ।
पुराना नाम विवाह हेतु शादी अनुदान योजना उत्तर प्रदेश ।
पहली बार लांच हुई थी 2015 अखिलेश सरकार द्वारा ।
नए तरीके से लांच हुई 2017-18 योगी आदित्यनाथ सरकार द्वारा ।
किसके द्वारा संचालित हो रही है समाज व पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग ।
लाभार्थी 18 साल से ऊपर की लड़कियां ।
वित्तीय सहायता राशि पहले मिलते थे – 35000
अब मिलेंगें – 51000 ।
टोल फ्री नंबर 18001805131 ।
मुख्यमंत्री कन्या विवाह अनुदान योजना का उद्देश्य:–
भारतदेश में बाल विवाह की प्रथा सालों से चली आ रही है। उत्तर प्रदेश में सरकार बाल विवाह को रोकने और शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए, आर्थिक रूप से कमजोर परिवार को उनकी बेटी की शादी के लिए मुख्यमंत्री कन्या विवाह के अंतर्गत आर्थिक रूप से सहायता प्रदान करती है। जिससे यह परिवार अपनी बेटी को बोझ न समझे और उन्हें पढ़ाकर सही उम्र में शादी करें। वित्तीय सहायता मिलने से परिवार की परेशानियां कम होती है और लड़कियां उन्हें बोझ नहीं लगती।
इसके अलावा कुछ जगह गरीब परिवार लड़की का पालन पोषण करने में असमर्थ होते है, जिससे वे बेटी के पैदा होते साथ ही उसे मार देते है। पहले भ्रूण हत्या जैसी कुप्रथा भी प्रचलित थी। यूपी शादी अनुदान योजना से ऐसे सभी परिवारों की सोच में भी बदलाव होगा।
शादी अनुदान योजना के लाभ:-
शादी अनुदान योजना मुख्य रूप से अखिलेश सरकार द्वारा 2015-16 में आई थी. इस योजना को शादी–बीमारी योजना भी कहा जाता था। इस योजना के अंदर गरीब पिछड़े वर्ग की लड़कियों को उनकी शादी के लिए 20,000 रूपए की राशि डायरेक्ट उनके अकाउंट में दी जाती थी, इसके अलावा बीमारी के लिए महिलाओं को 10,000 रूपए की आर्थिक सहायता की जाती थी।
2017 में योगी सरकार आने के बाद उत्तर प्रदेश के नए मुख्यमंत्री ने इस योजना को बंद कर दिया था, जिससे बहुत से परिवार मायूस हो गए थे। फिर कुछ समय बाद योगी सरकार ने एलान किया कि समाज व पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग द्वारा चलने वाली सभी योजनाओं में फेर बदल के बाद उन्हें फिर से चालू किया जायेगा। योगी सरकार ने विवाह अनुदान योजना का नाम बदलकर मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना कर दिया। इस योजना के अंदर हुए बदलाव को आप यहाँ नीचे पढ़ें।
योगी सरकार ने एक और नयी पहल की, सरकार ने “हैसियत प्रमाण पत्र फार्म उत्तर प्रदेश ऑनलाइन प्रोसेस” की शुरुवात की।
मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना के लाभ:-
योगी सरकार ने योजना में बदलाव करते हुए, वित्तीय राशि को 15 हजार बढ़ाकर 35000 कर दिया था। जिसमें से 20 हजार कैश एवं 15 हजार रूपए शादी के कार्यों के लिए मिलते थे. लेकिन अब गणतंत्र दिवस के मौके पर योगी सरकार ने योजना के अंतर्गत वित्तीय राशि को बढ़ाकर 51 हजार कर दिया है। ताकि गरीब परिवार बिना किसी आर्थिक तंगी के अच्छे से बेटी का विवाह कर सके।
वित्तीय सहायता:–
योजनाके अंदर लड़की को शादी के लिए आर्थिक सहायता डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर (DBT) के द्वारा सीधे रजिस्टर्ड अकाउंट में दिए जायेंगें। ये पैसे लड़की के नाम पर ही दिए जायेंगें, जिसे सिर्फ शादी में ही उपयोग किया जा सकता है।
जोड़ों की संख्या:-
सरकार ने एक योजना में बड़ा बदलाव करते हुए कहा है कि अगर इस योजना के लिए कम से कम 10 आवेदन एक समय में आ जाते है तो वो सामूहिक विवाह का आयोजन करेगी। हर बार 10 आवेदन हो जाने पर सरकार इस तरह के विवाह सम्मलेन का आयोजन कर देगी।
अब तक सामूहिक विवाह योजना के अंतर्गत लगभग 32 हजार जोड़ो का विवाह यूपी सरकार ने कराया है। फ़रवरी 2019 के दुसरे हफ्ते से फिर से यूपी सरकार पुरे प्रदेश में अलग-अलग जगह सामूहिक विवाह का आयोजन कर रही है, जिसमें लगभग 10 हजार जोड़ो को लाभ मिलेगा।
योजना के लिए पात्रता एवं जरुरी कागजात:-
उम्र:-
भारतदेश में सरकार ने लड़के-लड़की की शादी की उम्र तय करके रखी है। इस योजना के अंतर्गत भी लड़की की उम्र कम से कम 18 साल होनी चाहिए एवं जिससे उसकी शादी हो रही है वो 21 साल का होना चाहिए। उम्र पात्रता पूरी करने के बाद ही लाभार्थी इस योजना का लाभ उठा सकते है। अपनी उम्र की सही जानकारी देने के लिए आवेदक को अपना जन्म प्रमाण पत्र जमा करना होगा।
उत्तरप्रदेश निवासी:-
आवेदकअगर उत्तर प्रदेश का रहने वाला है, तभी उसको लाभ मिलेगा। उत्तरप्रदेश के अंदर या उसकी बॉर्डर में उसका घर है तो वो इसके पात्र है। लाभार्थी को इसके लिए मूल निवासी पत्र दिखाना होगा।
आय:-
शहर या गांव कहीं पर भी रहने वाला परिवार इस योजना के लिए पात्र है। लेकिन उसे आय मापदंड को पूरा करना होगा। गांव में रहने वाले की आय 47000 के लगभग या उससे कम होनी चाहिए, शहर में रहने वालों की 56500 या उससे कम होने चाहिए। आवेदक अपने आय प्रमाण पत्र की कॉपी फॉर्म के साथ जमा करे।
तलाकशुदा या विधवा:-
योजना के लिए वो भी आवेदन कर सकते है, जो पुनर्विवाह कर रहे है. उत्तर प्रदेश सरकार ने पुनर्विवाह को समर्थन देते हुए ये फैसला लिए है।
अधिकतम 2 लड़की:-
कन्याविवाह योजना का मुख्य उद्देश्य लड़कियों को आगे बढ़ाना एवं परिवार नियोजन भी है। अगर परिवार में 2 से अधिक लड़कियां है तो अधिकतम 2 को ही इसका लाभ मिलेगा। एक ही परिवार की 2 लड़की इस योजना के लिए पंजीकरण करके, शादी के लिए वित्तीय सहायता प्राप्त कर सकती है।
कोई भी जाति या धर्म:-
अनुसूचितजाति, जनजाति, पिछड़ा वर्ग, अल्पसंख्यक एवं सामान्य कोई भी इसके लिए आवेदन कर सकता है. अगर ऊपर दी गई योग्यता आप पूरी करते है तो आप इसके लिए योग्य है।
योजना के लिए अन्य दस्तावेज:-
आधार कार्ड, जन्म प्रमाण पत्र न होने की स्थिति में मनरेगा कार्ड या वोटर आईडी कार्ड, बैंक पासबुक की फोटोकॉपी और परिवार कार्ड ये सभी डाक्यूमेंट्स आवेदक को ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन के समय जमा करने अनिवार्य है।
विवाह हेतु अनुदान फॉर्म डाउनलोड आवेदन प्रक्रिया:-
योजना का नाम बदलने के साथ इसकी आवेदन प्रक्रिया में भी बदलाव किये गए है। पहले विवाह हेतु शादी अनुदान के लिए आवेदक शादी अनुदान की ऑफिसियल साइट के द्वारा आवेदन करता था।