सांपों की यह आदत होती है कि वह ऐसी जगह में रहना पसंद करते हैं जो ठंडी होती है। आप सभी ने यह देखा होगा कि सांप अक्सर जमीन के अंदर और गीली मिट्टी में रहना पसंद करते हैं, क्योंकि उन्हें ठंडकता पसंद होती है। यही वह कारण है जिसके कारण हमेशा चंदन के पेड़ पर सांप लिपटे होते हैं, क्योंकि चंदन की लकड़ी में ठंडकता होती है। सांप सिर्फ चंदन के पेड़ के आसपास ही नहीं पाए जाते सांप रजनीगंधा, चमेली और रात रानी जैसे पेड़ों के आसपास भी पाए जाते हैं।
सांप इन सभी पौधों के आसपास इसलिए पाए जाते हैं, क्योंकि यह सारे सुगंधित पेड़ पौधे बाकी पेड़ पौधों की अपेक्षा बहुत ठंडे होते हैं। इन सभी पेड़ पौधों में तीव्र खुशबू होती है और सांपों के सूंघने की शक्ति भी बहुत तीव्र होती है। जिससे सांप बहुत आसानी से इन पौधों की खुशबू को सुंघते हुए इनके पास तक पहुंच जाते हैं, क्योंकि सांपों को इस तरह के पेड़ पौधे के आसपास रहना बहुत ही पसंद होता है।
चंदन के पेड़ और सांप की है जोड़ी हमें जीवन की बहुत अच्छी सीख भी देती है। इतने सारे जहरीले सांप हमेशा चंदन के पेड़ पर लिपटे होते हैं लेकिन इतने जहरीले होने के बावजूद भी वह इसकी लकड़ी को जहरीला नहीं बना पाते। उसी तरह अगर हम भी ऐसे लोगों के साथ रहते हैं जिनकी आदतें अच्छी नहीं है, तो हमें उससे कोई फर्क नहीं पड़ना चाहिए और हमें अपने आदतों में उन अगुण को शामिल नहीं करना चाहिए।
सांपों में सूंघने की शक्ति होती है, यह बात विज्ञान द्वारा प्रमाणित है, बल्कि कहना चाहिए कि सांप सबसे अच्छी घ्राणशक्ति वाले जीवों में से एक है. ये न केवल अपने नोस्ट्रिल्स से बल्कि जीभ के ऊपरी हिस्से से भी सूंघ सकते हैं. यानी अगर अगली बार कोई सांप आपको जीभ लपलपाता दिखे तो समझिएगा कि वह आपको डराने की नहीं बल्कि सूंघने की कोशिश कर रहा है! सांप चंदन या चमेली तक सूंघकर ही पहुंचता है, हालांकि इन पेड़ों-झाड़ियों तक खुशबू के लिए आना उसका एकमात्र उद्देश्य नहीं होता.
इसे समझने के लिए सांप के बारे में थोड़ा और जान लेते हैं. आपको जानकर आश्चर्य होगा कि उत्तरी-दक्षिणी ध्रुवों और आयरलैंड-न्यूजीलैंड जैसे कुछ देशों को छोड़ दें तो सांप दुनिया के लगभग हर देश में पाए जाते हैं. पृथ्वी पर आए शुरूआती जीवन का हिस्सा रहा यह जंतु आमतौर पर ठंडी और अंधेरी जगहों पर रहना पसंद करता है और इसकी वजह है इसका एक्टोथर्म होना. एक्टोथर्म यानी कि ऐसे जीव जो अपने शरीर का तापमान नियंत्रित रखने के लिए बाहरी चीजों पर निर्भर रहते हैं. इस श्रेणी में सांप, कछुआ, घड़ियाल और छिपकली जैसे जीव आते हैं.
इस तरह के जीव हमेशा बिल, झाड़ी, चट्टानों के नीचे या पानी में और पानी के आसपास पाए जाते हैं. अब चूंकि चंदन, रजनीगंधा और चमेली का तापमान बाकी पेड़-पौधों की तुलना में थोड़ा कम होता है और यह मुख्य वजह है कि ये सांपों को खासतौर पर आकर्षित करते हैं. इसके अलावा जीव-विज्ञानी मानते हैं कि इनमें खुशबू होने की वजह से इन्हें खोजना अपेक्षाकृत आसान होता है, इसलिए सांप इन तक आसानी से पहुंचकर अपना बसेरा बना लेते हैं.
इस तरह के जीव हमेशा बिल, झाड़ी, चट्टानों के नीचे या पानी में और पानी के आसपास पाए जाते हैं। अब चूंकि चंदन, रजनीगंधा और चमेली का तापमान बाकी पेड़-पौधों की तुलना में थोड़ा कम होता है और यह मुख्य वजह है कि ये सांपों को खासतौर पर आकर्षित करते हैं।
आपको जानकर आश्चर्य होगा कि उत्तरी-दक्षिणी ध्रुवों और आयरलैंड-न्यूजीलैंड जैसे कुछ देशों को छोड़ दें तो सांप दुनिया के लगभग हर देश में पाए जाते हैं। पृथ्वी पर आए शुरूआती जीवन का हिस्सा रहा यह जंतु आमतौर पर ठंडी और अंधेरी जगहों पर रहना पसंद करता है और इसकी वजह है इसका एक्टोथर्म होना। एक्टोथर्म यानी कि ऐसे जीव जो अपने शरीर का तापमान नियंत्रित रखने के लिए बाहरी चीजों पर निर्भर रहते हैं।