♦ब्रह्माण्ड का जन्म एक महाविस्फोट के कारण हुआ है. लगभग बारह से चौदह अरब वर्ष पूर्व संपूर्ण ब्रह्मांड एक परमाण्विक इकाई के रूप में अति-संघनित (compressed) था. उस समय, समय और स्थान जैसी कोई वस्तु अस्तित्व में नहीं थी.
♦लगभग 13.7 अरब वर्ष पूर्व इस महाविस्फोट से अत्यधिक ऊर्जा (energy) का उत्सजर्न (release) हुआ और हर 10-24 सेकंड में यह धमाका दोगुना बड़ा होता गया. यह ऊर्जा इतनी अधिक थी कि इसके प्रभाव से आज तक ब्रह्मांड फैलता ही जा रहा है.
♦इस धमाके के कारण 3 लाख साल बाद पूरा ब्रह्मांड हाइड्रोजन और हीलियम गैस के बादलों से भर गया. इस धमाके के 3 लाख 80 हज़ार साल बाद अंतरिक्ष में सिर्फ फोटोन ही रह गए. इन फोटोन से तारों और आकाशगंगाओं का जन्म हुआ, और बाद में जाकर ग्रहों और हमारी पृथ्वी का जन्म हुआ. यही महाविस्फोट यानी बिग-बैंग का सिद्धांत है.
आइये जानें ब्रह्मांड से जुड़े ऐसे ही रोचक तथ्यों के बारे में…
1. क्या आपको पता है कि जो वैज्ञानिक ब्रह्माण्ड के बारे में अध्ययन करते है, उसे विज्ञान में खगोलीय विज्ञान (Astronomical) कहा जाता है.
2. खगोल विज्ञान, विज्ञान की एक बहुत ही रोचक और रहस्यमय शाखा माना गया है.
3. ब्रह्माण्ड में सभी ग्रह, तारे, गैलेक्सियाँ (Galeksiya), गैलेक्सियों के बीच के अंतरिक्ष की अंतर्वस्तु, परमाण्विक कण, और सारा पदार्थ और सारी ऊर्जा शामिल हैं.
4. खगोल विज्ञान में बहुत ही दूर स्थित आकाशीय पिंडों का अध्ययन किया जाता है, जिसे समझना बहुत मुश्किल हैं.
5. पिनव्हील गैलेक्सी (Pinwheel Galaxy) को मेसियर 101 भी कहते हैं. पिनव्हील गैलेक्सी, पृथ्वी से 5 करोड़ प्रकाश वर्ष की दूरी पर स्थित है. यह तस्वीर इस आकाशगंगा की सबसे ज़्यादा विस्तृत तस्वीर है और इसे हब्बल टेलिस्कोप (Hubble Telescope) ने लिया है.
6. खगोल विज्ञान से जुड़े कई सिद्धांत बहु प्रतलित है. जैसे के विशेष तथा साधारण सापेक्षतावाद.
7. ब्रह्माण्ड में अनगिनत भौतिक वस्तुएं मौज़ूद हैं. इसमें ही अरबों तारे, सौर मण्डल और आकाशगंगाएं है, पर यह सिर्फ सारी वस्तुओं का 25 प्रतिशत ही है.
8. ब्रह्माण्ड को मुख्यत इसे तीन अक्ष में मापा जाता है, जैसे कि लंबाई, चौड़ाई और गहराई. तीनो अक्षों को गणितीय शब्दों में x अक्ष, y अक्ष और z अक्ष कहा जाता है.
9. अगर नासा एक पंक्षी को अंतरिक्ष में भेजे, तो वह उड़ नहीं पाएगा और जल्दी ही मर जाएगा, क्योंकि वहां पर उड़ने के लिए बल ही नहीं है.
10. श्याम पदार्थ (dark matter) ब्रह्माण्ड में पाया जाने वाला ऐसा पदार्थ है, जो दिखता नहीं, पर इसके गुरुत्व का प्रभाव ज़रूर पाया गया है. तभी इसे श्याम पदार्थ का नाम दिया गया है.
11. अगर आप 1 मिनट में 100 तारे गिन लें, तो आप 2000 साल में एक पुरी आकाशगंगा गिन देगें.
12. ब्रह्मांण्ड में कुछ आकाशगंगाएं इतनी दूर होती हैं कि उनका प्रकाश पृथ्वी तक पहुँचने में लाखों साल का समय लेता है.
13. महाविस्फोट सिद्धांत (Big Bang Theory) में बताया गया है कि ब्रह्माण्ड 15 खरब साल में 93 खरब प्रकाश वर्ष तक फैल चुका है.
14. क्या आपको पता है कि सितारे, तारे और उपग्रह सभी एक दूसरे को अपनी तरफ आकर्षित करते हैं.
15. ब्रह्मांड चारों तरफ से जल, बादल, वायु और आकाश से घिरा हुआ है.
16. आकाशगंगा का व्यास लगभग लाख प्रकाशवर्ष है और इसका प्रवाह उत्तर से दक्षिण की ओर होता है.
17. हमारी आकाशगंगा (Galaxy) का नाम मंदाकिनी है, हमारा सौर मण्डल इसी आकाशगंगा में है.
18. ब्रह्माण्ड में द लार्ज मेगालीनिक कलाउड आकाशगंगा (The Large Cloud galaxy Megalinik) सभी आकाशगंगाओं से सबसे ज़्यादा चमकदार है.
19. ऑरियन नेबुला हमारी आकाशगंगा के सबसे शीतल और चमकीले तारों का समूह है.
20. आकाशगंगा का व्यास एक लाख प्रकाशवर्ष है.
“ब्रह्माण्ड से जुड़े कुछ अन्य रोचक तथ्य…!!
21. एक रिसर्च के अनुसार ब्रह्मांड का व्यास लगभग 91 अरब प्रकाश है।
22. सूर्य करीब 25 करोड़ साल में आकाश गंगा की एक परिक्रमा पूरी करता है।
23. ब्रह्मांड में 10 अरब ख़रब से भी ज्यादा तारे हैं।
24. कुछ वैज्ञानिकों का मानना है की वर्ष 2029 में ब्रह्मांड का एक तारा पृथ्वी से टकराएगा जिससे भारी नुकसान होने की सम्भावना है।
25. ब्रह्मांड में कई तारे आकार में सूर्य से भी कई गुना बड़े हैं।
26. ब्रह्मांड चारों तरफ से जल, बादल, वायु और आकाश से घिरा हुआ है।
27. क्या आप जानते हैं सितारे, तारे और उपग्रह सभी एक दूसरे को अपनी तरफ आकर्षित करते हैं।
28. अगर 1 मिनट में 100 तारे भी गिन लिए जाएँ तो पूरी आकाशगंगा को गिनने में करीब 2000 साल लग जायेंगे।
29. आकाशगंगा को मन्दाकिनी (Milky Way) के नाम से भी जाना जाता है।
30. वैज्ञानिकों के अनुसार पृथ्वी से करीब 10000 प्रकाश वर्ष की दूरी पर एक ऐसा बादल है जो अनगिनत शराब से भरा है।
31. क्या आपको पता है हमारा 90 प्रतिशत शरीर तारों के तत्वों से बना है।
32. ब्रह्मांड में प्रतिदिन लगभग 275 मिलियन नए तारे पैदा होते हैं।
33. डायनासोर के युग में एक दिन 22 घंटों का होता था।
34. ब्रह्मांड में एक ऐसा पदार्थ है जो दिखाई नहीं देता लेकिन इसके गुरुत्व का प्रभाव पाया गया है इसे श्याम पदार्थ के नाम से जाना जाता है।
35. आकाशगंगा के केंद्र में रम जैसी महक आती है।
36. पृथ्वी की गति हर 100 सालों में लगभग 17 मिलीसेकंड कम होती जा रही है।
37. टेलिस्कोप से अंतरिक्ष को अपनी आँखों से देखने वाले पहले शख्स का नाम है गैलीलियो।
38. क्या आपको पता है अंतरिक्ष में किसी भी तरह की कोई आवाज नहीं है।
39. ब्रह्मांड का कोई छोर नहीं है और इसी वजह से अगर आप किसी भी बिंदु से सीधा चलना शुरू करें तो अंत में आप वापस उसी जगह आ जायेंगे।
40. ब्रह्मांड को जोड़े रखने का काम एक पदार्थ करता है जिसे काला गोंद के नाम से जाना जाता है।
41. आप का T.V. या कोई और आवाज़ पैदा करने वाला रिकार्डर जा music set जब ठीक से नही चल रहा होता तब यह जो बेकार सी आवाज पैदा करता है यह Big Bang (महाविस्फोट) के तुरंत बाद बनने वाली रेडिऐशन का नतीजा है जो आज 15 अरब साल बाद भी है।
42. खगोलविज्ञान के अनुसार हम कहते है कि हर भौतिक वस्तु इस ब्रह्मांण्ड में मौजुद है। इसमें ही खरबों तारे, सौर मंण्डल और आकाशगंगाएं है। पर यह सिर्फ सारी वस्तुओं का 25 प्रतीशत ही है। अभी भी कई ऐसी और चीजों के बारें में पता लगाया जाना बाकी है।
43. अगर नासा एक पंक्षी को अंतरिक्ष में भेजे तो वह उड़ नही पाएगा और जल्दी ही मर जाएगा। क्योंकि वहां पर उड़ने के लिए बल ही नही है।
44. क्या आप को पता है श्याम पदार्थ(dark matter) ब्रह्माण्ड में पाया जाने वाला ऐसा पदार्थ है जो दिखता नही पर इसके गुरूत्व का प्रभाव जरूर पाया गया है। तभी इसे श्याम पदार्थ का नाम दिया गया है क्योंकि यह है तो दिखता नही।
45. अगर आप 1 मिनट में 100 तारे गिने तो आप 2000 साल में एक पुरी आकाशगंगा गिन देगें।
46. महाविस्फोट के बाद ब्रह्माण्ड विस्तारित होकर अपने वर्तमान स्वरूप में आया । पर आधुनिक विज्ञान के अनुसार भौतिक पदार्थ प्रकाश की गति से फैल नही सकता। पर महाविस्फोट सिद्धांत में तो यह पक्का है कि ब्रह्माण्ड 15 खरब साल में 93 खरब प्रकाश वर्ष तक फैल चुका है।(1प्रकाश वर्ष( light year)=प्रकाश के द्वारा एक साल में तय की गई दूरी)। पर इस उलझण को आइंस्टाइन का साधारण सापेक्षतावाद का सिद्धात समझाता है। इसके अनुसार दो आकाशगंगाएँ एक-दुसरे से जितनी दूर है उतने ही अनुपात से यह और दूर होती जाती है। यह तथ्य थोड़ा समझने में कठिन लगेगा मगर जब इसे ध्यान से पढ़ेगें तो कुछ-कुछ समझ आ जाएगा।
47. हमारी आकाशगंगा का नाम मंदाकिनी(Milky way) है, हमारा सौर मंण्डल इसी आकाशगंगा में है। आकाशगंगा का ग्रीक भाषा में अर्थ है- ‘दूध’। अगर आप एक खगोलीए दूरबीन लेकर आकाशगंगओं को देखे तो ऐसा लगेगा जैसे दूध की धारा बह रही हो।
48. द लार्ज मेगालीनिक कलाउड आकाशगंगा सभी आकाशगंगाओं से सबसे ज्यादा चमकदार है। यह केवल दक्षिणी गोलाअर्ध में ही दिखेगी। यह धरती से 1.7 लाख प्रकाश वर्ष दूर है और इसका व्यास 39,000 प्रकाश वर्ष है।
49. Abell 2029 ब्रह्माण्ड की सबसे बड़ी आकाशगंगा है। इसका व्यास 56,00,000 प्रकाश वर्ष है और यह हमारी आकीशगंगा से 80 गुना ज्यादा बड़ी है यह धरती से 107 करोड़ प्रकाश वर्ष दूर है।
50. धनु बौनी आकाशगंगा की खोज 1994 मे हुई थी और यह सभी आकाशगंगायों से धरती के सबसे करीब है यह धरती से 70,000 प्रकाश वर्ष दूर है।
51. ऐड्रोमेडा आकाशगंगा नंगी आखों से देखी जाने वाली सबसे दूर स्थित आकाशगंगा है यह पृथ्वी से 2309000 प्रकाश वर्ष दूर है। इसमें लगभग 300 खरब (30×1011) तारे है और इसका व्यास 1,80,000 प्रकाश वर्ष है।
52. ज्यादातर आकाशगंगाओं की शकल अंडाकार है पर कुछ अपनी शकल बदलती रहती है। हमारी आकाशगंगा मंदाकिनी अंडाकार है।
53. Abell 1835 IR 1916 आकाशगंगा हमारे ब्रह्माण्ड की सबसे दूर स्थित आकाशगंगा है यह धरती से आश्चार्यजनक 13.2 खरब प्रकाश वर्ष दूर है। 2004 में युरोपीय दक्षिणी वेधशाला के खगोलविदों ने इस आकाशगंगा की खोज की घोषणा की ।
54. ब्रह्माण्ड कैंलेडर
महाविस्फोट के बाद कई खगोलीय और धरती की घटनाएँ घटित हुई जिसमें डायनासोरों का जन्म और खातमा शामिल है। यह सारी चीजे बहुत ही ज्यादा समय में घटित हुई जिसे कि एक साधारण मनुष्य नही समझ सकता। इस समस्या से पार पाने के लिए अमरीकी गणितज्ञ और खगोलबिद कार्ल सागन ने ‘ब्रह्माण्ड कैंलेडर’ का सुझाव दिया। इस कैंलेडर में महाविस्फोट से लेकर अब तक के मानव इतिहास को एक साल में दर्शाया गया है।
आइए इस कैंलैडर की घटनाएँ जानते है: –
1 जनवरी 12:00 am——महाविस्फोट- ब्रह्माण्ड की उत्पती।
15 मार्च—————–पहले सितारो और आकाशगंगाऔ की उत्पती।
1 मई——————-हमारी आकाशगंगा मंदाकिनी की उत्पती।
8 सितंबर—————हमारे सुर्य की उत्पती।
9 सितंबर————–हमारे सुर्य मंण्डल की उत्पती।
12 सितंबर————-पृथ्वी की उत्पती।
13 सितंबर————-चाँद की उत्पती
20 सितंबर————-धरती के वायुमंडल की उत्पती।
1 अक्तुबर————-धरती पे सबसे पहले एक कोशिका जीवो की उत्पती।
7 अक्तुबर————-सबसे पहले के जाने जाने वाले फासिल(पथराट)।
18 दिसंबर————अनेक cells वाले जीवों की उत्पती।
19 दिसंबर————पहली मछली।
21 दिसंबर————पहले स्थली पौदे और कीड़े
23 दिसंबर———–पहले सरीसृप (रेंगने वाले)
24 दिसंबर———–पहले डायनासोर
26 दिसंबर————पहले स्तनपाई
27 दिसंबर———–पहले पक्षी
28 दिसंबर———-पहले फूल वाले पौधे।
29 दिसंबर———-डायनासोरो का खातमा।
31 दिसंबर के रात के 11:55 बजे—–मनुष्यों के कुल इतिहास से अब तक।